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सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन: AFMS की पहली महिला महानिदेशक की प्रेरक कहानी

आरती सरीन का जीवन परिचय

आरती सरीन का जीवन परिचय: सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन ने 1 अक्टूबर 2024 को सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (AFMS) की महानिदेशक का पद संभाला और एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की. वह इस प्रतिष्ठित पद को संभालने वाली पहली महिला हैं, जो AFMS की 46वीं महानिदेशक के रूप में नियुक्त हुईं. अपने 38 वर्षों के सफल करियर में उन्होंने भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की सभी तीनों शाखाओं में सेवा की है. उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के सैन्य इतिहास को गौरवान्वित करती है, बल्कि भारतीय महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणादायक मिसाल है. आइए उनके जीवन और करियर की अद्वितीय यात्रा पर विस्तार से नजर डालें.

Table of Contents

प्रारंभिक जीवन और परिवार

सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन का जन्म और पालन-पोषण एक ऐसे परिवार में हुआ, जिसका भारतीय नौसेना से गहरा नाता था. उनका परिवार देश की सेवा के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित रहा है. उनके पिता और भाई, दोनों ही नौसेना में उच्च पदों पर रहे, जिससे आरती सरीन को छोटी उम्र से ही देशभक्ति और सेवा की प्रेरणा मिली. इस सैन्य पृष्ठभूमि ने उनके करियर को दिशा दी और उन्हें सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा में एक प्रभावशाली स्थान तक पहुंचने में मदद की. उनके परिवार की सैन्य सेवा की परंपरा ने उन्हें उत्कृष्टता की ओर प्रेरित किया.

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नौसेना परिवार में जन्म

आरती सरीन का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ, जो भारतीय नौसेना से गहराई से जुड़ा हुआ था. उनके पिता ने नौसेना में 41 वर्षों तक सेवा की, जिससे आरती के जीवन में शुरू से ही अनुशासन और देशभक्ति के मूल्यों की नींव पड़ी. यह माहौल आरती के व्यक्तित्व और उनके करियर पर गहरा प्रभाव डालने वाला था. बचपन से ही उन्होंने सैन्य जीवन को करीब से देखा और यह समझा कि सेवा और नेतृत्व का क्या महत्व होता है. एक सशक्त और प्रेरणादायक परिवार में जन्म लेने के कारण, उन्होंने भी जीवन में कुछ बड़ा करने की ठानी.

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परिवार के सैन्य संबंध

आरती सरीन का परिवार सैन्य सेवा की एक लंबी परंपरा से जुड़ा हुआ है. उनके भाई राजेश एक पनडुब्बी चालक के रूप में भारतीय नौसेना में शामिल हुए और 30 वर्षों की सेवा के बाद कॉमोडोर के पद से सेवानिवृत्त हुए. इसके अलावा, उनकी भाभी भी नौसेना में डॉक्टर थीं, जो परिवार की सैन्य सेवा की मजबूत जड़ों को दर्शाता है. इस तरह के माहौल में पली-बढ़ी आरती सरीन ने अपने परिवार से सेवा, अनुशासन, और नेतृत्व के गुण सीखे. परिवार के इन संबंधों ने आरती को प्रेरित किया और उन्हें एक सफल सैन्य चिकित्सक बनने की दिशा में अग्रसर किया.

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शिक्षा और प्रशिक्षण

सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन ने अपने सैन्य करियर के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त की, जिसने उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में एक विशेषज्ञ के रूप में स्थापित किया. उन्होंने न केवल सशस्त्र बलों के भीतर चिकित्सा सेवा के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी विशेषज्ञता को मजबूत किया. उनकी शिक्षा और प्रशिक्षण ने उन्हें विभिन्न मेडिकल तकनीकों में विशेषज्ञता दी, जो उन्हें चिकित्सा सेवा में नेतृत्व करने और जटिल चिकित्सा प्रक्रियाओं को संभालने के लिए सशक्त बनाती हैं. उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि ने AFMS के भीतर उनकी सफलता की नींव रखी.

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AFMC से रेडियोलॉजी में विशेषज्ञता

आरती सरीन ने पुणे के प्रतिष्ठित आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज (AFMC) से रेडियोलॉजी में एमडी की डिग्री प्राप्त की. AFMC से जुड़ना उनके करियर का एक महत्वपूर्ण चरण था, जहाँ उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की. रेडियोलॉजी, जो चिकित्सा विज्ञान का एक महत्वपूर्ण अंग है, में महारत हासिल कर उन्होंने खुद को एक कुशल चिकित्सक के रूप में विकसित किया. AFMC में अपनी शिक्षा के दौरान, उन्होंने मेडिकल इमेजिंग और निदान में गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया, जो उनके पेशेवर करियर में बहुत सहायक सिद्ध हुआ. इस विशेषज्ञता ने उन्हें जटिल मामलों का विश्लेषण और निदान करने में निपुण बनाया.

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गामा नाइफ सर्जरी में प्रशिक्षण

अपने चिकित्सा कौशल को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए, आरती सरीन ने अमेरिका के पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय से गामा नाइफ सर्जरी में उच्च-स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त किया. गामा नाइफ सर्जरी एक अत्याधुनिक तकनीक है, जिसका उपयोग मस्तिष्क संबंधी जटिलताओं के इलाज के लिए किया जाता है. इस विशेष प्रशिक्षण ने उन्हें न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने में मदद की, जिससे उनकी चिकित्सा क्षमता और बढ़ी. पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय में यह प्रशिक्षण प्राप्त कर, उन्होंने वैश्विक स्तर पर अपने ज्ञान को विस्तृत किया और भारत में चिकित्सा सेवाओं के स्तर को ऊंचा उठाने में योगदान दिया. यह प्रशिक्षण उनकी चिकित्सा यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा.

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सैन्य करियर की शुरुआत

सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन की सैन्य करियर की शुरुआत एक महत्वपूर्ण मोड़ थी, जिसने उन्हें न केवल चिकित्सा क्षेत्र में बल्कि सैन्य सेवा में भी उत्कृष्टता हासिल करने के अवसर दिए. भारतीय सशस्त्र बलों में एक महिला अधिकारी के रूप में उनका करियर प्रेरणादायक रहा है. उन्होंने चिकित्सा सेवा में अपने योगदान के साथ-साथ नेतृत्व और प्रबंधन कौशल को भी साबित किया. आरती सरीन का यह करियर 38 वर्षों की लंबी यात्रा में बदल गया, जिसमें उन्होंने भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना की चिकित्सा सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

AFMS में कमीशन

दिसंबर 1985 में, आरती सरीन ने सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (AFMS) में कमीशन प्राप्त किया. इस कमीशन के साथ ही उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों में अपने चिकित्सा करियर की शुरुआत की. यह उनका पहला कदम था, जिसने उन्हें सशस्त्र बलों के भीतर चिकित्सा सेवा के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया. AFMS में कमीशन प्राप्त करना उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि इसने उन्हें न केवल चिकित्सा विशेषज्ञता बल्कि सैन्य अनुशासन और नेतृत्व क्षमता को विकसित करने का अवसर दिया. अपने शुरुआती वर्षों में ही उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि वे चिकित्सा और सैन्य सेवा दोनों में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

तीनों सेनाओं में सेवा

आरती सरीन ने अपने 38 वर्षों के करियर में भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना, तीनों ही सेवाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने इन तीनों सैन्य शाखाओं में विभिन्न चिकित्सा सेवाओं का संचालन किया और महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित किया. तीनों सेवाओं में उनकी सेवाएं दिखाती हैं कि वे एक बहुमुखी और सक्षम चिकित्सक हैं, जो हर परिस्थिति में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम हैं. तीनों सैन्य शाखाओं में सेवा करने का उनका अनुभव न केवल व्यापक था, बल्कि यह भी दर्शाता है कि उनकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण और सम्मानजनक थी. उनकी यह यात्रा उनके समर्पण और चिकित्सा क्षेत्र में उनके अटूट विश्वास का प्रतीक है.

महत्वपूर्ण पद और उपलब्धियां

सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन ने अपने 38 वर्षों के सैन्य करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवा की और असाधारण उपलब्धियां हासिल कीं. उनका नेतृत्व, चिकित्सा सेवा के प्रति समर्पण और विशिष्ट योगदान उन्हें AFMS (सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा) में एक प्रभावशाली और प्रेरणादायक व्यक्ति बनाता है. वे न केवल AFMC की पहली महिला कमांडेंट बनीं, बल्कि भारतीय नौसेना के कई प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों का नेतृत्व भी किया. उनके ये पद और उपलब्धियां भारतीय सैन्य चिकित्सा क्षेत्र में महिलाओं की प्रगति और नेतृत्व के नए रास्ते खोलने में सहायक रही हैं.

DGMS और AFMC की कमांडेंट

आरती सरीन ने भारतीय नौसेना और वायुसेना में DGMS (महानिदेशक चिकित्सा सेवा) के रूप में भी सेवा की, जहां उन्होंने चिकित्सा सेवाओं के प्रबंधन और उनके सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस पद पर रहते हुए, उन्होंने चिकित्सा सेवा के विभिन्न विभागों को बेहतर बनाने और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों एवं तकनीकों को लागू करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. इसके अलावा, वे AFMC (आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज) की पहली महिला कमांडेंट बनीं. यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए बल्कि AFMC में महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व के लिए भी एक ऐतिहासिक क्षण थी. उनकी इस भूमिका ने AFMC के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया और चिकित्सा शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाया.

INHS अस्विनी का नेतृत्व

सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन ने भारत के सबसे प्रतिष्ठित नौसेना अस्पताल, INHS अस्विनी का भी नेतृत्व किया. यह अस्पताल भारतीय नौसेना का प्रमुख चिकित्सा संस्थान है, और इसके प्रमुख के रूप में आरती सरीन ने वहां की चिकित्सा सेवाओं का समग्र प्रबंधन किया. उनके नेतृत्व में, अस्पताल ने न केवल चिकित्सा सेवाओं में सुधार किया, बल्कि जटिल सर्जरी और चिकित्सा प्रक्रियाओं में भी उल्लेखनीय प्रगति की. उनका यह कार्यकाल उन्हें एक कुशल और सक्षम चिकित्सक एवं प्रशासक के रूप में स्थापित करता है. INHS अस्विनी का सफल नेतृत्व उनके नेतृत्व कौशल और चिकित्सा सेवा के प्रति उनके समर्पण का प्रतीक है.

व्यक्तिगत जीवन और परिवार

सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन का व्यक्तिगत जीवन भी उतना ही प्रेरणादायक है जितना कि उनका सैन्य करियर. उनका परिवार पूरी तरह से सैन्य सेवाओं से जुड़ा हुआ है, जिससे उनके जीवन में अनुशासन, समर्पण और सेवा के मूल्य शुरू से ही महत्वपूर्ण रहे हैं. उनके पति भी नौसेना में एक उच्च पदस्थ अधिकारी रहे हैं, और दोनों ने साथ मिलकर देश की सेवा में योगदान दिया है. इस सैन्य दंपति ने न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि पेशेवर रूप से भी चिकित्सा सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनका पारिवारिक जीवन सैन्य सेवा के प्रति समर्पण और प्रेरणा का प्रतीक है.

एक सैन्य चिकित्सक दंपती

वाइस एडमिरल आरती सरीन की शादी सर्जन रियर एडमिरल सी. एस. नायडू से हुई है, जो नौसेना में एक हेपेटोबिलियरी सर्जन थे. इस सैन्य चिकित्सक दंपति ने भारतीय नौसेना के अलग-अलग कमांड्स में एक साथ सेवा की, जहां दोनों ने कमांड मेडिकल ऑफिसर के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं. यह एक अद्वितीय अवसर था, जब दोनों ने अलग-अलग नौसेना कमांड्स में एक साथ उच्च पदों पर रहते हुए चिकित्सा सेवाओं का नेतृत्व किया. यह दंपति न केवल पेशेवर स्तर पर बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी एक दूसरे के साथ सहयोग और प्रेरणा का आदर्श उदाहरण है. उनकी यह साझेदारी सैन्य चिकित्सा सेवा में एक नई मिसाल पेश करती है.

परिवार में सैन्य सेवाएं

आरती सरीन का परिवार भारतीय सैन्य सेवाओं में गहरे रूप से जुड़ा रहा है. उनके पिता, भाई और भाभी, सभी ने भारतीय नौसेना में उल्लेखनीय सेवाएं दी हैं. उनके पिता ने नौसेना में 41 वर्षों तक सेवा की, जबकि उनके भाई, राजेश, एक पनडुब्बी चालक के रूप में 30 वर्षों तक सेवा करते हुए कॉमोडोर के पद से सेवानिवृत्त हुए. उनकी भाभी भी नौसेना में डॉक्टर थीं. इस परिवार में सैन्य सेवा की गहरी जड़ें और परंपरा रही है, जिसने आरती सरीन को भी इस दिशा में प्रेरित किया. उनके बेटे रोहन भी इस परिवार की सेवा की परंपरा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

पुरस्कार और सम्मान

सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन का लंबा और सम्माननीय सैन्य चिकित्सा करियर कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मानों से अलंकृत है. उनके उत्कृष्ट नेतृत्व, समर्पण और चिकित्सा सेवा के प्रति निष्ठा ने उन्हें कई बार सम्मानित किया. उन्होंने न केवल सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा में योगदान दिया, बल्कि अपने नेतृत्व कौशल और रोगियों की देखभाल के प्रति समर्पण के लिए भी पहचान प्राप्त की. उनके द्वारा प्राप्त किए गए विभिन्न पुरस्कार और सम्मान उनकी प्रतिबद्धता और कुशलता को दर्शाते हैं, जो भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व की प्रेरणा है.

विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल

आरती सरीन को उनके उत्कृष्ट सेवाओं के लिए 2021 में विशिष्ट सेवा मेडल (VSM) से सम्मानित किया गया. यह मेडल उन्हें उनकी चिकित्सा सेवा के प्रति समर्पण और सैन्य चिकित्सा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए दिया गया था. इसके बाद, 2024 में, उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM) से सम्मानित किया गया, जो उनके दीर्घकालिक सेवा और असाधारण नेतृत्व का प्रतीक है. ये दोनों प्रतिष्ठित सैन्य पुरस्कार उनके करियर में उच्च सम्मान और प्रतिष्ठा का प्रतीक हैं. इन पुरस्कारों ने उनके चिकित्सा और सैन्य सेवाओं के प्रति समर्पण को मान्यता दी और उन्हें AFMS में एक प्रमुख नेता के रूप में स्थापित किया.

अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कार

विशिष्ट और अति विशिष्ट सेवा मेडल के अलावा, आरती सरीन को उनके करियर के दौरान अन्य कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी नवाजा गया. इन पुरस्कारों में उनके नेतृत्व कौशल, चिकित्सा सेवाओं में नवाचार, और रोगी देखभाल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को मान्यता मिली. उनके नेतृत्व में, चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में न केवल महत्वपूर्ण प्रगति हुई, बल्कि उन्होंने चिकित्सा प्रक्रियाओं को और अधिक कुशल और सटीक बनाया. उनके योगदान और समर्पण ने उन्हें सैन्य और चिकित्सा दोनों क्षेत्रों में एक प्रभावशाली और सम्माननीय व्यक्ति बना दिया है. इन पुरस्कारों ने उनके करियर को उच्च सम्मान और गरिमा प्रदान की.

निष्कर्ष: आरती सरीन का जीवन परिचय

सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन का जीवन और करियर प्रेरणा का एक अद्भुत उदाहरण है. सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा की पहली महिला महानिदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति न केवल महिलाओं के लिए बल्कि पूरे चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. उनके नेतृत्व और समर्पण ने AFMS में महिलाओं के लिए नए अवसरों का द्वार खोला है. उनके योगदान और उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बनी रहेंगी. उनका यह सफर यह साबित करता है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और साहस से हर चुनौती को पार किया जा सकता है.

FAQ

आरती सरीन ने कब AFMS की महानिदेशक का पद संभाला?

1 अक्टूबर, 2024.

आरती सरीन कौन सी पहली महिला उपलब्धि प्राप्त कर चुकी हैं?

पहली महिला DGAFMS.

आरती सरीन की शिक्षा का मुख्य संस्थान कौन सा है?

AFMC, पुणे.

आरती सरीन को AFMS में कब कमीशन किया गया था?

दिसंबर 1985 में.

आरती सरीन को कौन से प्रतिष्ठित सैन्य पदक मिले हैं?

अति विशिष्ट सेवा मेडल (2024) और विशिष्ट सेवा मेडल (2021).

आरती सरीन ने किन चिकित्सा क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल की है?

रेडियोलॉजी और गामा नाइफ सर्जरी.

आरती सरीन ने किस अंतरराष्ट्रीय संस्थान से प्रशिक्षण लिया?

पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय.

क्या आरती सरीन ने भारतीय सशस्त्र बलों की सभी तीन शाखाओं में सेवा की है?

हां, सेना, नौसेना, और वायुसेना में.

आरती सरीन के पति कौन हैं और उनकी भूमिका क्या है?

सर्जन रियर एडमिरल सी. एस. नायडू, नौसेना के चिकित्सक.

आरती सरीन का सबसे महत्वपूर्ण अस्पताल नेतृत्व कौन सा था?

INHS अस्विनी.

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